सबसे खतरनाक बीमारी माने जाने वाला ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor) आज भी इतना ज्यादा चिंता का मुद्दा बना हुआ है। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है कि आज भी काफी हद तक लोगों के जिंदा रहने की संभावना कम है। ब्रेन ट्यूमर के कम मरीज ही लंबी जिंदगी जी पाते हैं। हालांकि मेडिकल साइंस ने कम वक्त में काफी ग्रोथ की है और इसके इलाज में बहुत काम किया जा रहा है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि ब्रेन ट्यूमर क्या है? ब्रेन ट्यूमर के लक्षण क्या है? साथ ही ये भी बताएंगे कि इसका इलाज क्या है ?
ब्रेन ट्यूमर क्या है? (what is brain tumor in hindi)
ब्रेन ट्यूमर दिमाग में असामान्य सेल का एक संग्रह है। स्कल के अंदर असामान्य सेल्स के बढ़ने की वजह से परेशानी खड़ी हो सकती है। ब्रेन ट्यूमर कैंसर रहित होता है, जब मैलिग्नेंट ट्यूमर बढ़ जाते हैं तो वो आपकी सिर के अंदर दबाव बढ़ा सकते हैं, ये दिमाग को नुकसान पहुंचाते हैं और जिंदगी के लिए खतरनाक हो सकते हैं। ब्रेन ट्यूमर बड़ों और बच्चों दोनों में हो सकता है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण क्या है?
- देखने या सुनने में कठिनाई
- शरीर के संतुलन में दिक्कत
- हाथों और पैरों में कमजोरी
- जी मिचलाना और उल्टी की समस्या
- सुबह के समय तेज सिरदर्द
आपको बता दें कि हर ट्यूमर में कैंसर हो ऐसा जरूरी नहीं होता है। ट्यूमर कितना खतरनाक होता है ये इस बात पर निर्भर करता है कि कहीं उसमें कैंसर तो नहीं है।
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पैटस्कैन
ब्रेन ट्यूमर क्या है और कैसे फैलता है ये जानने के बाद सबसे जरूरी है कि ये कितना फैला हुआ है। इसके लिए पैटस्कैन होता है। पैटस्कैन से डॉक्टर इस बात का पता लगाते हैं कि मरीज के शरीर में कहीं किसी और जगह पर कोई ट्यूमर तो नहीं है। इसके लिए मरीज के पूरे शरीर का पैटस्कैन होते हैं। तो वहीं बायोस्पी से पता लगता है कि कहीं ट्यूमर कैंसर तो नहीं है। इसके बाद इस बात की जांच होती है कि ट्यूमर की स्टेज क्या है।
ब्रेन ट्यूमर का इलाज
ब्रेन ट्यूमर क्या है और इसके लक्षण क्या होते हैं जानने के बाद अब बात करेंगे ब्रेन ट्यूमर का इलाज कैसे होता है। भारत में ब्रेन ट्यूमर का इलाज हर जगह नहीं होता है। इसका इलाज तो कई बार बड़े अस्पतालों में भी पूरी तरह से नहीं मिल पाता है। इसके लिए डॉक्टर रेडियो थेरेपी या फिर रेडियेशन थेरेपी की बात करते हैं। इसमें मरीज को एक सटीक मात्रा में रेडियेशन देते हैं, जिसके बाद ट्यूमर के खत्म होने की उम्मीद की जाती है। इसके अलावा कीमो थेरेपी भी इसके ही इलाज का एक हिस्सा है। लेकिन इन सभी के अपने साइड इफेक्ट भी हैं। ब्रेन ट्यूमर के लिए डॉक्टर गामा नाइफ थेरेपी को प्रेफर करते हैं।
क्या होती है गामा नाइफ थेरेपी
इस थेरेपी में डॉक्टर गामा किरणों की हाईडोज मरीज को देते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यही है कि इसके जरिये डॉक्टर एक ही हिस्से पर बार-बार रेडियेशन देते हैं, तो जिस हिस्से पर ट्यूमर होता है वहां पर असर होता है। इसके लिए सबसे पहले मरीज के सिर पर एक स्टील का हल्के वजन का फ्रेम लगाया जाता है। इसके बाद इमेजिंग की जाती है, जिसके जरिये डॉक्टर मरीज के ब्रेन में ट्यूमर की सही जगह और उसके साइज का पता लगाते हैं।
इसके बाद डॉक्टर इसके इलाज और दवा की प्लानिंग करते हैं और मरीज को गामा नाइफ थेरेपी के लिए लेकर जाया जाता है। आपको बता दें कि गामा नाइफ थेरेपी सिर्फ ब्रेन ट्यूमर वाले मरीजों के लिए ही है। इस थेरेपी को गर्दन से नीचे नहीं दिया जा सकता है। ये थेरेपी काफी महंगी है। इतना ही नहीं भारत में ये थेरेपी हर जगह उपलब्ध नहीं है। दिल्ली, चंडीगढ़, बेंगलुरू और चेन्नई में ही ये थेरेपी मौजूद है।