काफी जद्दोजहद और टॉप खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी के बाद US ओपन 2020 की शुरुआत हुई। जहां एक तरफ टेनिस के टॉप 10 दिग्गज में अधिकतर खिलाड़ियों द्वारा नाम वापस लेने में कोरोना महामारी ने मुख्य भूमिका निभाई, तो वहीं एक खिलाड़ी ऐसी भी हैं जिन्होंने US ओपन में खेलने का फैसला तो किया लेकिन एक अलग मकसद के साथ।
हम बात तक रहे हैं मौजूदा वर्ल्ड रैंकिंग में नौवें स्थान पर काबिज जापान की नाओमी ओसाका (Naomi Osaka) की। जी हां, नाओमी ओसाका US ओपन के तीसरे दौर में पहुंच चुकी हैं। इस साल नाओमी US में खेलने के साथ अमेरिका में बीते कई महीनों से चले आ रहे रंगभेद को लेकर अपना विरोध भी प्रकट कर रही हैं।
नाओमी ओसाका हाल ही में विस्कॉन्सिन (Wisconsin) में एक अश्वेत जैकब ब्लैक को पुलिसकर्मियों द्वारा गोली मारने के विरोध में वेस्टर्न एंड सदर्न ओपन टूर्नामेंट के सेमीफाइनल से हट गईं थीं। सेमीफाइनल से हटने के बाद ओसाका ने कहा कि, ‘वो एक खिलाड़ी से पहले एक अश्वेत महिला है।‘ ब्लैक की मौत से ओसाका बहुत आहत थी और विरोध में उन्होंने सेमीफाइनल मैच खेलने से मना कर दिया था। हालांकि बाद में उन्होंने सेमीफाइनल खेला, इस मैच में वो काले रंग की टी-शर्ट पहनी जिसपर ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ (Black Lives Matter) लिखा था।
इतना ही नहीं, ओसाका रंगभेद को लेकर कदम-कदम पर विरोध कर रही हैं। वे रंगभेद के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए सात अलग-अलग अश्वेतों के नाम के मास्क पहनकर खेलेंगी जिनकी हत्या दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से उनके अश्वेत रंग के कारण कर दिया गया। इन 7 सात लोगों में से कई लोगों के बारें में तो किसी को पता भी नहीं है। इसलिए ओसाका, ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ को ध्यान में रखते हुए इन अश्वेत लोगों के नाम का मास्क पहन रही हैं।
पहले मैच में ओसाका ने ब्रेओना टेलर के नाम का मास्क पहना था। नर्सिंग की पढ़ाई कर रही, को इसी साल मार्च में अमेरिका के लुइविल में पुलिस ने उनके घर में ही गोली मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी।
दूसरे राउंड में नाओमी ने एलिजाह मैक्कलेन के नाम का मास्क पहना था। 23 साल के मैकक्लेन की पिछले साल अगस्त में कोलोराडो के अरोरा में पुलिस अधिकारियों के साथ हुई हिंसक मुठभेड़ के बाद मौत हो गई थी।
तीसरे राउंड के मैच में अहमद अर्बरी के नाम का मास्क पहना था। 25 साल के अहमद को जॉर्जिया में इसी साल फरवरी में जॉगिंग करने के दौरान 3 श्वेत लोगों ने मिलकर गोली चलाई, जिसके कारण उनकी मौत हो गई।
जाहिर तौर पर हाल ही में हुए जॉर्ज फ्लॉयड और जेकब ब्लैक के मौत के बारे में तो सब जानते हैं लेकिन ओसाका कुछ ऐसे लोगों के दुर्भाग्यपूर्ण मौत के बारे में भी दुनिया को जागरूक कर रही जिनके बारे में ज्यादा लोगों को पता नहीं है। उम्मीद है उनकी ये कोशिश से, दुनिया में जो रंगभेद को निशाना बनाकर लोगों की जान ली जा रही उसमें कुछ सुधार आ सके।