मसूरी में घूमने की जगह, मसूरी घूमने का सही समय, मसूरी कब जाये, कम समय में कैसे घूमे मसूरी, मसूरी में परेशानी सवालों के जवाब।
देश में बढ रहे गर्मी तो देखते हुए हर वर्ग के लोगों के मन में एक ख्याल जरूर आता है कि क्यों ना कहीं किसी पहाड़ी जगह से दो दिन में घूम आए! कुछ ऐसा ही मेरे साथ भी हुआ। ऑफिस में छुट्टी ना रहते हुए भी घूमने का इरादा पक्का हो गया क्योंकि इस ट्रिप पर मुझे परिवार के साथ जाने का मौका मिल रहा था।
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ज्यादा समय नहीं रहने के कारण और जरूरत के हिसाब से हमनें घूमने के लिए उत्तराखंड स्थित एक पर्वतीय नगर ‘मसूरी’ को चुना। मसूरी जिसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। देहरादून से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, मसूरी उन जगहों में से एक है जहां लोग बार-बार आते जाते हैं, लेकिन मैं अपनी बात करूं तो अपने दोनों दीदी जीजू और भांजे के साथ ये मेरी पहली यात्रा थी।
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क्योंकि हम 5 लोग थे तो हमने अपनी पर्सनल गाड़ी बुक करने की सोची। MakeMyTripसे हमने एक SUV बुक की जिसमें हमारा गुड़गांव से मसूरी (Mussoorie) तक आना जाना और वहां की सैर की बुकिंग थी। इसमें हमारा सारा खर्च पड़ा लगभग 13हजार। हमारा सफर शुरु हुआ सुबह 7:30 बजे और शाम के 5.30 बजे तक हम मसूरी पहुंचे। क्योंकि दिनभर के सफर से हम थक चुके थे तो उस दिन हमने सिर्फ आसपास की जगह का जायजा लिया। हमें ट्रैफिक जाम की ज्यादा समस्या नहीं हुई लेकिन हमने अखबारों में पढ़ा था कि ये समस्या वहां होती है।
हैरान थे हम मौसम को देखकर
हर किसी की तरह मसूरी नाम सुनकर हमारे जहन में भी कुछ ठंडक का एहसास समाया था। लेकिन जब हम वहां पहुंचे तो ऐसा कुछ भी नहीं था। मसूरी के तापमान और दिल्ली के तापमान में मुझे ज्यादा अंतर नहीं लग रहा था। हालांकि की सफर के दौरान भी हमें इसका अहसास हुआ लेकिन मन को ये सोचकर मना लिया की पहाड़ों में प्रवेश करने के बाद तो जरूर ठंड होगी, लेकिन इसे प्रकृति की विडंबना कहें या मानव रचित आपदा उत्तराखंड में झुलसते मैदानों के साथ पहाड़ भी तप रहे हैं।
मसूरी हो या नैनीताल सभी हिल स्टेशन गर्मी में जल रहे हैं। मसूरी में अधिकतम तापमान लगभग 30 डिग्री सेल्सियस था। हालांकि, सुबह-शाम मौसम अच्छा है। यूं कहें कि मसूरी का मौसम चौंका रहा है।
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मसूरी में घूमने की जगह
(Place to travel in Mussoorie in Hindi)
कैम्पटी फॉल
हम पहाड़ी जगह का आनंद लेने आए थे तो ऐसे में हमने उसे ही जारी रखने का सोचा। हमारा प्लान सबसे पहले मसूरी का मशहूर कैम्पटी फॉल (Kempty Falls) घूमने का था। वहां जाना लाजमी था क्योंकि जब पहाड़ों की रानी भी जल रही हो तो झरने के नीचे नहाने से बेहतर सहारा और कुछ नहीं हो सकता। यह मसूरी से करीब 14-15 किमी की दूरी पर चकराता सड़क पर स्थित है। यह फॉल समुद्र तल से 1364 मीटर की ऊंचाई पर है और मुख्य पर्यटक स्थल होने के कारण कैम्पटी फॉल में दिनभर हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
कम्पनी गार्डन
करीब 2 घंटे कैम्पटी फॉल में बिताने के बाद हम कम्पनी गार्डन गए, यह जगह कैम्पटी फॉल जाने के रास्ते में ही पड़ता है। मसूरी में कंपनी गार्डन भी है पर्यटकों का सबसे पसंदीदा पिकनिक और घूमने की जगह। कंपनी गार्डन को आजादी से पहले म्युनिसिपल गार्डन के नाम से भी जाना जाता था।
सन् 1842 के आस-पास इस क्षेत्र को सुंदर उद्यान में बदल दिया था। यहां कि सुंदरता तो देखते ही बनती थी। इस गार्डन के देखरेख पर खास ध्यान दिया जाता है जहां सैकड़ों प्रकार के फूल उगाए गए हैं। बच्चों के लिए कई झूले, बड़ों के लिए बोटिंग करने के प्रबंध के साथ-साथ आपको यहां कुछ छोटे झरने भी देखने को मिलेंगे। कुल मिलाकर अगर आपको प्रकृति और फूल पत्तों से प्यार है तो कंपनी गार्डन जरूर जाने लायक जगह है।
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मॉल रोड की चमकती शाम
आप किसी से पर्वतीय स्थल पर जाएं। मॉल रोड एक ऐसी जगह है जो हर हिल स्टेशन की पहचान होती है। क्योंकि तपते हुए दिन गुजारने के बाद शाम थोड़ी तो सुहानी हो ही जाती है। कुछ ऐसा ही अनुभव हमारा रहा। शाम में जब मॉल रोड निकले तो हल्की ठंडी सी सुहानी हवा और म्यूजिकल कैफेज के कारण शाम और मस्तानी लग रही थी। ऐसे में जब तंदूरी चाय पीने का मौका मिले तो क्या कहने। अपने दो दिन के मसूरी यात्रा में दोनों दिन थकने के बावजूद हम मॉल रोड गए क्योंकि वहां की शाम दिन के सारे थकान को मिटा देती थी।
मसूरी झील जरूर जाएं
आखिरी दिन जब हमे निकलना था तब पहाड़ से नीचे जाने के रास्ते में हमने मसूरी झील की सैर की। कहने को ये मानव द्वारा बनाया गया झील है लेकिन इसके साथ-साथ आपको वहां कई हैंडक्राफ्ट के स्टॉल दिखेंगे जहां से काफी कुछ रोचक काम की और यादगार चीजें ले जा सकते हैं। इसके अलावा, सबसे खास बात है वहां कराएं जाने वाले अलग-अलग एक्टिविटीज जिसमें पैराग्लाइडिंग, पैडल-बोटिंग और भी कई दिलचस्प एक्टिविटी करने को मिल सकता है।
यहां के सैर सपाटे के बाद हमनें वापसी के लिए राह पकड़ी और 7-8 घंटे में अपने घर पहुंचे। कुल मिलाकर दो दिन के सैर में हमने कुछ अच्छे पल भी गुजारे, गर्मी के कारण कुछ परेशानियों का भी सामना किया लेकिन सफर यादगार रहा। अगर आप मसूरी घूमने का सही समय के बारे में सोच रहे हैं या आप हाल के दिनों में मसूरी जाने का प्लान बना रहे हैं तो मै कहूंगी कि थोड़ा इंतजार का मजा लीजिए तब ही आप मसूरी की वादियों का मजा ले पाएंगे’।
यह पोस्ट Vandana Lohani ने लिखा है। अगर आप भी हमारे प्लेटफॉर्म पर कुछ लिखना चाहते हैं तो theindianclick@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं।