साल 2014 से पहले चायवालों की हमारे देश में कुछ खास अहमियत नहीं थी लेकिन आजकल चाय की दुकान से लेकर सुबह के अखबार तक चायवाला जरूर सुनने को मिलता है। दरअसल इसका श्रेय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। गौरतलब है कि 15 लाख और रोजगार अभी भी बाकी है और देश में कुछ सुधार हुआ हो या न हुआ हो लेकिन चायवालों की छवि में जरूर सुधार हुआ है।
साल 2014 में जब भारतीय जनता पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री उम्मीदवार के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को चुना गया और वो बहुमत पाने में भी सफल रहे तो उस दौरान कई बार उन्हें चायवाला कहकर ट्रोल भी किया गया। कई बार चुनावी रैलियों में, सभाओं में नरेंद्र मोदी ने खुद कहा कि देखें ये चायवाला किस पद तक पहुंच गया है।
इस बार फिर से चायवाला चर्चा में हैं, जी नहीं प्रधानमंत्री मोदी नहीं बल्कि इस बार जो चायवाला चर्चा में है वो महाराष्ट्र के पुणे का रहने वाला एक आम आदमी है और उसका चर्चा में होनेे की वजह उसकी एक महीने की कमाई है। जो आज हर तरफ सुर्खियां बनी हुई है।
दरअसल, एक चाय बेचने वाले की मासिक कमाई पर कम लोग ही चर्चा करते हैं क्योंकि सभी ये मान लेते हैं कि चाय के धंधे में ज्यादा कमाई नहीं होती हैं लेकिन अगर हम आपको कहें कि एक चायवाला ऐसा भी हैं जो हर महीने लाखों में कमाता हैं। तो शायद आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन ये एक दम सच हैं। जिस चायवाले की हम बात कर रहें हैं वो हर महीने लगभग 12 लाख रुपये कमाता है। इस चायवाले का नाम नवनाथ येवले हैं जिसकी महीने की कमाई 12 लाख रुपये है।
येवले टी हाउस के फाउंडर नवनाथ येवले की पहचान इस हद तक बढ़ रही हैं कि वो अपने ब्रांड को अब इंटरनेशनल लेवल पर फैलाना चाहते हैं और इसी इसी संदर्भ में येवले ने अपने प्रतिद्वंदी के लिए एक नया बेंचमार्क भी बना दिया है।
नवनाथ येवले की मानें तो उनके टी हाउस से लोगों को रोजगार मिल रहा है। सिर्फ पुणे में ही येवले टी हाउस की तीन ब्रांच है और हर एक ब्रांच में लगभग 12 लोग काम करते हैं। नवनाथ ने कहा कि उनका बिजनेस लगातार बढ़ता जा रहा है और वो जल्द ही इसे इंटरनेशनल ब्रांड बना देंगे। अपनी कमाई की वजह से येवले हाउस लोगों की नजर में बना हुआ है और ऐसा बताया जा रहा है कि लोग इससे जुड़कर कमाई का जरिया बनाना चाहते हैं।